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एक संक्षिप्त सारांश
सरलता से कई पेचीदा किस्सों को शब्दों का आकार देना, उन्हें पूरी कहानी भर जोड़े रखना, पाठक में अगले पृष्ठ को पढ़ने की उत्सुकता बरकार रखना, एक बड़े लेखक की निशानी होती है । फणीश्वर नाथ रेणु की ये रचना इसी संदर्भ में अमर रहेगी । आज़ादी से पहले, आज़ादी के बाद और गांधी जी की मृत्यु जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं को जोड़ कर जाती, समाज की हालत को इस किताब में एक व्यावहारिक तरीके से रेणु जी ने संचय किया है । हिंदी पाठकों के लिए ये किताब सदैव के लिए खजाना रहेगी । ज़रूर पढ़ें ।
ترست بايلوت
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منذ أسبوعين